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योगी आदित्यनाथ

                   योगी आदित्यनाथ                                           जन्म की तारीख : 5 जून 1972 (आयु 50 वर्ष), पौड़ी गढ़वाल माता-पिता: आनंद सिंह बिष्ट, सावित्री देवी  जाति, ठाकुर योगी आदित्यनाथ की शिक्षा गणित में स्नातक (बीएससी)

      योगी आदित्यनाथ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रारंभ 2017
भाई: महेंद्र सिंह बिष्ट, शशि पयाल, शैलेंद्र मोहन, शशि सिंह, मनवेंद्र मोहन                                  
 उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि कोई मुख्यमंत्री दो बार बन रहा है।
                    *योगी आदित्यनाथ जी पर बहोत केस दर्ज हैं!*
  1. वर्ष 1991 में महाराजगंज जिले में दंगा भड़काने के आरोप में श्री योगी आदित्यनाथ श्री पर धारा 147 के तहत केस दर्ज किया गया।
  2. धारा 148 मतलब घातक हथियारों से दंगे भड़काने का आरोप।
  3. धारा 295 मतलब पूजा स्थल का अपमान। गोरखपुर ही के जिले में हिंदू मुसलमान में मस्जिद के मजार को लेकर काफी विवाद हुआ जिसमें श्री योगी आदित्यनाथ जी पर धारा 295 के तहत मामला दर्ज किया गया।
  4. धारा 297 मतलब कब्रिस्तान पर जबरदस्ती कब्जा करना। श्री योगी आदित्यनाथ पर कब्रिस्तान पर जबरदस्ती करवाने का आरोप लगाया गया।
  5. धारा 153 ए मतलब दंगा करवाना। श्री योगी आदित्यनाथ जी पर महाराजगंज जिले में दंगा भड़काने के लिए आरोप दर्ज किया गया।
  6. धारा 307 के तहत श्री योगी आदित्यनाथ जी पर केस दर्ज किया गया धारा 307 के तहत हत्या की कोशिश करने पर केस दर्ज किया जाता है।
  7. मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने धारा 506 कहता है तो धमकी देने के आरोप के तहत एफ आई आर दर्ज किया।                                                                                                                                    * योगी आदित्यनाथ सीएम बनते ही क्राइम साफ किया* 
       योगी आदित्यनाथ  आज यूपी में अपराध के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस है। यूपी अब निवेश के लिए निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है। योगी आदित्यनाथ ने  उनका टारगेट यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बनाना है। इतना ही नहीं इस दौरान बुलडोजर बाबा कहे जाने लगे
उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालते ही प्रदेश को विकास पर लाने के क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के संकल्प पत्र  के अनुरूप कानून-व्यवस्था में सुधार को शीर्ष वरीयता पर रखा। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस ने अपराधी पर शिकंजा कसने के साथ अपराध पर नियंत्रण किया।

सीएम योगी आदित्यनाथ का हाथ होने के कारण पुलिस भी माफिया और अपराधियों पर कहर बनकर टूट पड़ी। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के करीब साढ़े चार वर्ष के कार्यक्रम में 150 से अधिक अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर किया। इसके साथ ही गैंगस्टर एक्ट में 3700 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। इतना ही नहीं 550 से अधिक अभियुक्तों पर एनएसए के तहत सख्त कार्रवाई की गई। प्रदेश सरकार ने माफिया की काली कमाई से अर्जित 1,500 करोड़ रुपये से अधिक सम्पत्ति को भी जब्त किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साढ़े चार साल पहले पद संभालते ही प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने का वादा किया था। इसके बाद बेहद सक्रिय मोड में आने वाली पुलिस ने प्रदेश के हर कोने में लगातार एनकाउंटर किया। पुलिस के इस चेहरे से अपराधियों के अंदर बस गया खौफ अभी भी बरकरार है। प्रदेश में पुलिस के डर से बड़े-बड़े अपराधी और माफिया प्रदेश छोड़कर या तो भाग गए या आत्मसमर्पण कर दिया।
योगी आदित्यनाथ  ने बताया कि पिछले छह सालों में राज्य में पुलिस और अपराधियों के बीच 10,000 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं जिसमें 63 अपराधी मारे गए
                      * योगी आदित्यनाथ एक भिक्षु*


योगी आदित्यनाथ गोरखपुर जिले के दक्षिणपंथी लोकलुभावन हिंदूवादी तेजतर्रार राजनीतिज्ञ हैं। वे वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उनका जन्म अजय मोहन बिष्ट के रूप में पौड़ी गढ़वाल जिले (अब उत्तराखंड में) में हुआ था। उन्होंने विज्ञान में स्नातक किया। अपने छात्र जीवन के दौरान उन्होंने कई सामाजिक गतिविधियों और आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। 22 साल की उम्र में उन्होंने अपने पारिवारिक जीवन को स्वीकार किया और एक भिक्षु बन गए। एक स्थान पर भगवान की पूजा करने के बजाय, उन्होंने पूरे क्षेत्र में घूमने और जागरूकता फैलाने का विकल्प चुना। उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश में जनजागरण अभियान शुरू किया। उन्होंने अस्पृश्यता के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए सभी जाति और धर्मों के

सीएम योगी के रहते बदले कई शहरों के नाम,                                                                   

 इसमें उर्दू बाजार को हिंदी बाजार, हुमायूंपुर को हनुमान नगर, मीना बाजार को माया बाजार और अलीनगर को आर्य नगर कर दिया गया था.                                               पिछले कार्यकाल में भी जिलों और स्टेशन के नाम बदले.

            


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